
नीमच। निर्जला एकादशी पूरे साल की 24 एकादशियों में सबसे प्रमुख मानी जाती है। धार्मिक दृष्टि से सर्वाधिक महत्वपूर्ण निर्जला एकादशी ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी कहलाती है। इस साल यह एकादशी 31 मई बुधवार को मनाई गई है। विद्वानों के मुताबिक इस एकादशी का व्रत करने से सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है, वहीं इस दिन जरूरतमंद लोगों को दान-पुण्य करने का विशेष महत्व होता है। बुधवार को शहर सहित अंचल के मंदिरों में महिलाएं बड़ी संख्या में मंदिरों में पहुंची, जहां पूजा-अर्चना के साथ दान पुण्य कर कथावाचक के मुख से एकादशी की कथा सुनी और दिनभर भजन कीर्तन का दौर जारी रहा। इसी प्रकार निर्जला एकादशी के अवसर पर नीमच नरेश के दरबार में प्रातः कालीन आरती के बाद 551 किलो आम के रस का वितरण किया गया, वही महिला मंडल ने ताली कीर्तन भी किया