रामपुरा नगर के पूर्व भाग में स्थित अनाज मंडी जो की खरबूजा बीज की मंडी के नाम से कई राज्यों में प्रसिद्ध है यहां कई राज्यों के किसान अपनी खरबूजा बीज की फसल को उचित दाम पर बेचने के लिए आते हैं रामपुरा नगर के समीप गांधी सागर के बैकवाटर में गर्मी के दिनों में गांधी सागर जलाशय में जब पानी का लेवल कम हो जाता है तो किसान प्रचुर मात्रा में खरबूजा बीज की खेती करते हैं इसी कारण से यहां की मंडी खरबूजा बीज की फसल की आवक ज्यादा होने के कारण प्रसिद्ध हे जमीन में नमी होने के कारण दो या तीन बार पानी पिलाने पर ही फसल अच्छे से तैयार हो जाती है किसान कोअपनी उपज की अच्छी कीमत मिल जाती है राजस्थान के कई जिलों से लोग यहां पर अपनी फसल बेचने के लिए भी आते हैं
*किसान हो रहा है परेशान* रामपुरा में बने हुए गवर्नमेंट शेड का प्रयोग किसान की बजाय सिर्फ व्यापारी अपने खरीदे हुए माल को रखने के लिए करते हैं जबकि किसान मंडी में जब उसकी फसल को बेचने के लिए आता है तब भी उसको धूप में बैठना पड़ता है सरकारी मंडी में बने हुए शेड के अंदर ज्यादातर किसानों के माल की बजाय व्यापारियों का माल रखा रहता है राजस्थान के जिला प्रतापगढ़ से आये किसान महेश शर्मा जो कि अपनी उपज सुबह 9:00 बजे मंडी लेकर पहुंचे थे शेड में जगह नहीं होने के कारण उन्हें अपनी फसल बाहर ही रखना पड़ी करीब 15 बोरी बीज लेकर वह रामपुरा मंडी में पहुंचे दिन भर धूप में 42 डिग्री में तपने के कारण उनकी तबीयत खराब हो गई जिससे उनको हॉस्पिटल में दवाई तक लेने जाना पड़ गया मंडी कर्मचारी दिनेश गुप्तासे जब इस इस विषय पर बात की गई तो उनका कहना है कि रात को व्यापारी अपना माल उठा लेते हैं शायद सरकार ने दिन भर व्यापारियों की माल की रक्षा करने के लिए शेड बनाया है *मौसम में बदलाव* के कारण अगर किसी समय अगर बारिश हो जाती है तो किसान अपनी फसल को खड़े-खड़े हाथों से धो देगा जबकि व्यापारियों द्वारा जो खरीदी फसल है वह बिल्कुल सुरक्षित शेड के नीचे रखी रहेगी
मंडी प्रशासन की अनदेखी
मंडी प्रशासन भी किसाने की बजाय व्यापारियों की तरफ ज्यादा ध्यान देता नजर आता है मंडी प्रशासन के कर्मचारी जब भी उपज की बोली की रसीद बनाते हैं तो उसमें खरबूजा बीज नहीं लिखते सिर्फ बीज लिखकर छोड़ देते हैं इससे सीधा-सीधा सरकार को नुकसान होता है मंडी प्रशासन क्षेत्र में रखे हुए व्यापारियों के माल को हटाने की कभी नहीं बोलते जब उनसे पूछते हैं कि किसानों का माल बाहर और व्यापारियों का माल शेड के अंदर रखा है तो मंडी प्रशासन का कहना है कि प्रतिदिन रात को व्यापारी अपना माल उठा लेते हैं।