
नीमच। जनपद पंचायत नीमच अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत बामनिया में सचिव कन्हैयालाल धनगर की हठधर्मिता और मनमानी के चलते पंचायत क्षेत्र में विकास कार्यो को पलीता लग रहा है,अधूरे पढें विकास जहाँ सरकार की योजनाओं को धता साबित कर रहे है,तो वहीं स्थानीय पंचायत सचिव की मनमानी का शिकार ग्रामीणों को होना पड़ रहा है,जो लंबे समय से अधूरे पड़े विकास के चलते असुविधा से जूझ रहे है। चोंकाने वाली बात तो यह है कि पंचायत के पास विकास कार्यो को पूर्ण करने के लिए आवश्यक बजट भी है। लेकिन सचिव की मनमर्जी के आगे ग्रामीण बेबस और सरपंच परेशान है। इस सबंध एक शिकायत आवेदन प्रशासन को सरपंच गोपाल बाई,सरपंच पति एवम वार्ड पंच बाल मुकन्द पाटीदार ने दिया था। अपनी सरपंच पत्नी के साथ कार्य में सहयोग करते है। बीते दिनों सरपंच एंवम् पति द्वारा सचिव कन्हैयालाल धनगर की शिकायत की गई थी,जिसमे उल्लेख किया गया है कि शासन प्रशासन द्वारा पंचायत के मुलभूत जनसेवा के कार्य किये 2022 से अभी तक किये गये है । कई कार्य की सामग्री व दुकानदारो का पेमेन्ट बाकी है और आगे के कार्य करने में प्रार्थी सरपंच को भारी परेशानी हो रही हैं। दुकानदार और मजदूर के पैसे बाकी है,वहीं भुगतान की बात करने पर सचिव अभद्र भाषा मे बात करता है। बता दें यहाँ पंचायत की सरपंच एक महिला है उनके पंचायत सबंधी कार्यो में उनके प्रतिनिधि सहयोग करते है, जिनके साथ भी अभद्रता की जाती है….वहीं शासन -प्रशासन द्वारा स्वीकृत विकास कार्यो में अड़ंगे लगाना सचिव की हटधर्मिता बन चुकी है, जिसका खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है..गांव में आंगनवाड़ी के लिए कई बार नक्शा और ले आउट मिस्त्री ने और मेरे द्वारा मांगा सचिव ने वह भी मुहैया नही कराया गया पिछले कुछ दिन पहले शासन- प्रशासन द्वारा एक पौधा मां के नाम अभियान था उसमें भी सचिव द्वारा प्रशासन को गुमराह किया गया मात्र 3-4 पौधे लगाए गए… जबकि टीएस इस्टुमेन्ट में 200 पौधे लगाने के निर्देश थे,जब माननीय सीईओ साहब जनपद पंचायत नीमच द्वारा पंचायत पर आकर निरीक्षण किया था तो मौके पर पौधे नही पाये गये फिर माननीय सीईओ साहब ने भी निर्देश दिये थे उसके बाद भी अभी तक पौधे नही लगाये गये और शासन की कई योजना की जानकारी समय पर नही दी जाती और जब तक जानकारी लगती है तब तक पड़ौस की पंचायतो में काम हो जाता है… पंचायत सबंधी कार्यो की जानकारी के लिये सरपंच फोन लगाती है तो सचिव फोन उठाना भी मुनासिब नही समझता वहीं बिल बाउचर भरते है तो सिर्फ मेरे हस्ताक्षर करवाये जाते है और सचिव नही करते और किस मद किसे कितना भुगतान किया गया इसकी जानकारी भी सरपंच को नही दी जाती…कुल मिलाकर बामनिया ग्राम पंचायत के सचिव की मनमानी न सिर्फ शासकीय योजनाओं और विकास कार्यो में बाधा उतपन्न कर रही है, बल्कि सरपंच की जानकारी के बिना किये जाने बिलों के भुगतान में भारी अनियमता को अंजाम देने का अंदेशा भी है…? जब इस मामले को लेकर सचिव कन्हैयालाल धनगर से चर्चा करनी चाहिए तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।