
चित्तौड़गढ़ से 2 बार जीत दिलाने वाले विधायक चंद्रभान सिंह आक्या को इस बार टिकट नहीं मिला। जबकि उनकी जगह चित्तौड़गढ़ में पहले दो बार विधायक रह चुके नरपत सिंह राजवी को टिकट दिया गया है। इस पर अब आक्या का बयान आया है। उन्होंने कहा है कि यह लोकल झगड़ा है। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने मुझे अपनी खुन्नस निकाली है। बता दें कि राजवी चित्तौड़गढ़ से 3 बार चुनाव लड़ चुके हैं। उन्हें दो बार उन्हें जीत मिली और एक बार हार का सामना करना पड़ा। राजवी लगभग 15 साल बाद वापस चित्तौड़गढ़ में वापसी कर रहे हैं। वहीं आक्या 2013 से चित्तौड़गढ़ विधायक हैं।
मुझसे अपनी खुन्नस निकाल रहे सीपी जोशी: आक्या
टिकट कटने के बाद चित्तौड़गढ़ से वर्तमान विधायक चंद्रभान सिंह आक्या खासे नाराज हैं। उन्होंने कहा- यह लोकल झगड़ा है। मैं यहां से एबीवीपी का कार्यकर्ता था और सीपी जोशी एनएसयूआई में थे। यह लड़ाई तब से चली आ रही है। वे एनएसयूआई से प्रेसिडेंट भी बने और वाइस प्रेसिडेंट भी बने। उस टाइम से हमारे कॉलेज का झगड़ा चलता आया है।इसके बाद में पंचायत समिति के झगड़े चलते आए हैं। इसके बाद जब सीपी जोशी भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष बने। इसके बाद से ही उनके मन में मेरे लिए खुन्नस है। इसी खुन्नस के कारण ही उन्होंने मेरा टिकट काटा है। काफी दिनों से मुझे इसकी जानकारी भी थी कि वह मेरा टिकट जरूर काटेंगे। उन्होंने मेरा टिकट काटकर बहुत अच्छा काम किया है। उनको बहुत-बहुत धन्यवाद । मैं क्या करूंगा और नहीं करूंगा इसका फैसला सिर्फ जनता करेगी। मेरे कार्यकर्ता करेंगे।
बोले- 50 हजार वोटों से हारने की तैयारी थी
उन्होंने कहा- मैंने 10 साल से यहां पर सेवा की है और पूरी ईमानदारी के साथ की है। मैं जनता के बीच रहा हूं और पूरे ईमानदारी से रहा हूं। कोई भी मुझ पर कोई भी आरोप नहीं लगा सकता है। जब भी पार्टी या संघ का मामला आया है, मैं हमेशा साथ खड़ा हूं। मैंने अपना काम जिम्मेदारी से किया है। अबकी बार कांग्रेस को 50,000 वोटो से हारने की तैयारी भी की थी। पूरे विधानसभा में एक दिन इंसान मेरे नेगेटिव नहीं है। जनता मेरे साथ है। इन लोगों ने मेरा टिकट काटा है, कोई बात नहीं, लेकिन मैं कार्यकर्ताओं से बैठकर कल इस बारे में बात करूंगा, चर्चा करूंगा। कार्यकर्ता जो भी बोलेंगे उनके भावनाओं को ध्यान में रखकर काम करूंगा।
अब जनता देगी जवाब: विधायक चंद्रभान
आक्या ने कहा कि इसका नुकसान संभाग के साथ-साथ चित्तौड़गढ़ जिले के अन्य सीटों पर भी रहेगा और इसका हर्जाना इनको भुगतना जरुर पड़ेगा। यहां बरसों से हमने बाहरी प्रत्याशियों को झेला है। चाहे विधानसभा हो या लोकसभा में बाहरी प्रत्याशी चुनाव जीते हैं। नरपत सिंह राजवी के पहले के कार्यकाल भी आप लोग सब जानते हैं।
प्रदेशाध्यक्ष जोशी के खिलाफ लगाए गए नारे
बीजेपी की दूसरी सूची में आक्या का टिकट कटा तो कार्यकर्ताओं में नाराजगी देखने को मिली। उन्होंने प्रदर्शन कर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी के पोस्टर फाड़ डाले और विरोध जताया। उनका कहना था लगातार दो बार जीत दिलाने वाले विधायक को टिकट ही नहीं दिया। वहीं, 15 सालों से जिनका चित्तौड़गढ़ से कोई लिंक नहीं रहा उन्हें खुश करने के लिए टिकट दे दी गई। बता दें कि चंद्रभान सिंह आक्या 2013 और 2018 लगातार चित्तौड़गढ़ विधानसभा सीट से विधायक रहे हैं। लिस्ट की घोषणा होते ही चंद्रभान सिंह आक्या के समर्थक उनके ऑफिस और बंगले पर पहुंचे। यहां कार्यकर्ताओं ने प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी के खिलाफ नारे लगाए। सभी ने सीपी जोशी के खिलाफ गली गली में शोर है, सीपी जोशी चोर है, सीपी जोशी शर्म करो, सीपी जोशी मुर्दाबाद के नारे लगाए गए।
जोशी के घर की सिक्योरिटी बढ़ाई
चंद्रभान सिंह आक्या के कार्यकर्ताओं के विरोध को देखते हुए भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी के घर के बाहर पुलिस जाप्ता तैनात किया गया। कई बार कार्यकर्ता सीपी जोशी के घर के बाहर भी विरोध प्रदर्शन के लिए रवाना भी हुए थे लेकिन उन्हें रोक लिया गया। लेकिन एहतियात के तौर पर घर की सिक्योरिटी बढ़ा दी गई है। बता दें कि सीपी जोशी और चंद्रभान सिंह आक्या का मकान एक ही कॉलोनी में है।
राजवी 2 बार जीते एक बार हारे थे
नरपत सिंह राजवी ने 1993-98 में चित्तौड़गढ़ विधानसभा कांग्रेस की निर्मला शक्तावत को हरा कर विधायक बने । इस समय राजवी को 45,349 मत मिले थे। उनके सामने कांग्रेस प्रत्याशी को 29,969 वोट मिले थे। राजवी 15380 वोट से जीते थे। 1998 में कांग्रेस के सुरेंद्र सिंह जाड़ावत ने राजवी को हराया। इस समय कांग्रेस के प्रत्याशी रहे सुरेंद्र सिंह ड़ाव को 53,510 वोट मिले थे। राजवी को 46,679 व से संतुष्ट होना पड़ा। उन्हें 6,831 मतों से हार मिली थी । 2003 में एक बार फिर नरपत सिंह राजवी ने चित्तौड़गढ़ से विधानसभा चुनाव लड़े और सुरेंद्र सिंह जाड़ावत को हराया। इस दौरान नरपत सिंह को 64,757 वोट मिले थे। सुरेंद्र सिंह को उस समय 52,944 वोट मिले थे, जिसके कारण उन्हें 11,813 मतों से हार का सामना करना पड़ा। जयपुर की विद्याधर नगर सीट से नरपत सिंह राजवी का टिकट काटे जाने के बाद उन्हें खुश करने की कवायद चल रही थी। नरपत सिंह राजवी पहले चित्तौड़गढ़ से विधानसभा सीट से तीन बार चुनाव लड़ चुके थे। इस कारण से राजवी को खुश करने के लिए उन्हें यहां टिकट दे दिया गया। वहीं, एक कारण सीपी जोशी और चंद्रभान सिंह आक्या के बीच चल रही खींचतान को भी माना जा रहा है।
जिताऊ विधायक का टिकट कटा
विधायक चंद्रभान सिंह आक्या 2013 ने चित्तौड़गढ़ सीट से कांग्रेस के सुरेंद्र सिंह जाड़ावत को 11,805 मतों से हराया। 2013 चुनाव में बीजेपी को 85 हजार 391 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस को 73 हजार 850 मत मिले थे।
• 2018 में दूसरी बार आक्या ने कांग्रेस प्रत्याशी सुरेंद्र सिंह जाड़ावत को 23,894 मतों से हराया। इस साल बीजेपी को 1 लाख 6 हजार 563 वोट मिले थे। जबकि कांग्रेस को 82 हजार 669 वोट को मिले थे।