नीमच। मध्य प्रदेश की जनता चुनाव से पहले हड़तालों का सामना कर रही है। वर्तमान में, राज्य में 28 अगस्त से शुरू हुई, क़रीब 19 हज़ार पटवारियों की हड़ताल चल रही है। क़रीब 26 दिनों  से चल रही ये हड़ताल कब ख़त्म होगी इसके कोई पुख्ता संकेत नहीं। आपको बता दें, प्रदेश में हड़ताल कर रहे ये पटवारी, 25 वर्षों से प्रमोशन न मिलने, ग्रेड-पे न बढ़ने, समयमान वेतनमान न दिए जाने, खाली पदों पर भर्ती न कर अतिरिक्त काम कराने और उसका वेतन न देने, यात्रा-मकान भत्ता जैसे सुविधाएं नहीं बढ़ाने की वजह से ख़ासा नाराज़ हैं और आरोप लगा रहे हैं कि उनकी इन मांगों को नहीं पूरा किया जा रहा। पटवारियों की यह हड़ताल इस वर्ष संविदा स्वास्थ्य कर्मियों व शिक्षक भर्ती परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थियों की हड़ताल के बाद सबसे लंबे समय तक की जाने वाली हड़ताल बन चुकी है। सरकार अब तक इसका कोई तोड़ नहीं निकाल पा रही है। पूरे प्रदेश में विगत 26 दिनों से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है और हड़ताल के दौरान पटवारी संघ द्वारा विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जा रही है जिसमें पटवारी संघ द्वारा पहले तिरंगा यात्रा निकाली गई, उसके बाद नीमच से भादवामाता तक चुनर यात्रा निकाली गई,फिर गेती पावडा लेकर पटवारी ने मेहनत मजदूरी भी की और फूलों से रंगोली भी बनाई गई, आंदोलन की इसी कड़ी में आज शनिवार को मध्य प्रदेश पटवारी संघ द्वारा अपनी मांगों के निराकरण को लेकर प्रदर्शन जारी रखते हुए स्थानीय अंबेडकर सर्किल पर स्थित भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर काले कपड़े पहन कर हाथों में तख्तियां लिए मोन रैली निकाली गई,यह मोन रैली अंबेडकर सर्किल से प्रारंभ होकर कंट्रोल रूम कैंट थाना एसपी कार्यालय फवारा चौक टैगोर मार्ग कमल चौक होते हुए भारत माता चौराहे पर पहुंची, जहां भारत माता की आरती के बाद रैली समाप्त की गई। मध्य प्रदेश पटवारी संघ के सदस्य घनश्याम पांडे ने जानकारी देते हुए बताया कि 2800 ग्रेड पे सहित अन्य मांगों को लेकर मध्य प्रदेश पटवारी संघ के आवाहन पर पूरे प्रदेश में पटवारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं और अब तक सरकार हमारी मांगे मानने को तैयार नहीं है और ना ही सरकार की ओर से कोई आश्वासन हमें प्राप्त हुआ है जिससे पटवारी में भारी आक्रोश है पटवारी की हड़ताल के चलते पटवारी संबंधित सभी कम ठप पड़े हुए हैं जिसके कारण लोग परेशान हो रहे हैं ऐसे में हम भी यह चाहते हैं कि सरकार हमारी मांगों का उचित निराकरण करें और हमें अस्वस्थ करें, जब तक सरकार हमारी मांगे नहीं मानती तब तक हमारी हड़ताल अनवरत जारी रहेगी, आज हड़ताल का 27 वा दिन है इस दौरान जिले के 150 से अधिक पटवारी हमारे साथ इस प्रदर्शन में शामिल है हमारे द्वारा आज अंबेडकर सर्किल पहुंचकर डॉ भीमराव अंबेडकर को माल्यार्पण करने के बाद काले वस्त्र धारण कर शहर में मोन रैली निकाली गई है यह रैली अंबेडकर सर्किल से प्रारंभ होकर भारत माता चौराहे पर समाप्त हुई है। जिसमें जिले भर के महिला पुरुष पटवारी हाथों में अपनी मांगों की तख्तियां लिए अपना विरोध दर्ज कर रहे हैं।

कर्मचारियों का कहना है कि उनके पास मांगें मनवाने का एकमात्र यही तरीका है जिसका उपयोग वे वर्षों से करते आ रहे हैं लेकिन इस बार ऐसा लग रहा है मानो पटवारियों व सरकार में ठन गई है। न तो सरकार मनाने के लिए सामने आ रही है और न ही पटवारी हड़ताल से वापस लौट रहे हैं। अब इसका नुकसान आम जनता उठा रही है क्योंकि पटवारियों के हड़ताल पर जाने से किसानों के ज़मीन से जुड़े काम लंबित हैं। आम आदमी भी परेशान हैं क्योंकि जाति प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, स्थाई प्रमाण पत्र आदि नहीं बन पा रहे हैं, इसके अलावा हज़ारों गरीबों के नाम राशन कार्ड सूची में नहीं जुड़ पा रहे हैं। इन सभी कामों के लिए पटवारियों की ज़रूरत होती है। यहां तक कि सबसे बड़ा संकट तो किसानों पर है। अगस्त महीने में इनकी फसल सूखे से प्रभावित हुई थी। बची हुई फसल सितंबर महीने में हुई बारिश ने तबाह कर दी। ऐसे समय में फसलों को हुए नुकसान को दस्तावेजों में रिकार्ड करने का काम इन्हीं पटवारियों का है जो अब पिछड़ रहा है। कुछ ही दिनों में कटाई शुरू हो जाएगी। इस तरह नुकसान का सटीक आकलन नहीं होगा, जिसके कारण किसानों को फसल बीमा से लेकर अन्य तरह से होने वाले नुकसान की भरपाई में समस्या खड़ी हो जाएगी।