नीमच।  जावद तहसील में एक सरकारी स्‍कूल टीचर का घिनौना चेहरा सामने आया है। बच्‍चों को पढ़ाने की बजाए स्कूल टीचर ने उन्हें अपने घर घास उखाड़ने भेज दिया। घास उखाड़ते समय 11 साल के मासूम को सांप ने डस लिया इलाज कराने की बजाए टीचर ने बच्चे को भोपाजी के पास भेज दिया। जहां बच्‍चा देवरे की परिक्रमा लगाता रहा। हालात में सुधार नहीं हुआ, तब जाकर टीचर ने परिजनों को सूचना दी कि उनकी बच्‍चे को सांप ने डस लिया है। परिजन इलाज के लिए ले जाते उससे पहले ही बालक की मौत हो गई।
जानकारी अनुसार जावद तहसील के गांव रुपपुरा के शासकीय प्राथमिक स्कूल में पढ़ने गए 11 साल के मोहित नायक की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि बच्चा घर से स्कूल पढ़ने गया था। लेकिन स्‍कूल की टीचर सुधा बैरागी ने मोहित व एक अन्य बच्‍चे को उसके घर घास उखाड़ने भेज दिया। गाजर घास उखाड़ते समय रुपपुरा के रहने वाले मोहित नायक को सांप ने काट लिया। जब दोनों बच्‍चें पुन: स्‍कूल गए तो टीचर ने मोहित का इलाज कराने की बजाए उसे गांव के ही देवरे पर भेज दिया। जहां बच्चा देवरे की परिक्रमा लगाता रहा। बच्‍चे की हालत में सुधार नहीं हुआ, तब जाकर स्‍कूल टीचर सुधा बैरागी ने मोहित के परिजनों को सूचना दी। मोहित के परिजन उसे इलाज के लिए ले जाते उससे पहले ही उसकी मौत हो गई। घास उखाड़ने गए अन्‍य बच्चे ने मोहित के परिजनों को बताया कि स्‍कूल टीचर ने ही उन दोनों को उनके घर पर घास उखाड़ने भेजा था। इसके बाद परिजनों ने मोहित का शव सड़क पर रखकर जाम लगा दिया। फिलहाल चक्काजाम के साथ परिजनों का प्रदर्शन जारी है। बताया जा रहा है कि स्‍कूल टीचर का रिश्‍तेदार दामोदरपुरा सरपंच उसे बचाने के जुगाड़ में लगा है। राजनीति तथा अपनी पहुंच का इस्‍तेमाल कर स्‍कूल टीचर की हरकत पर पर्दा डालने का प्रयास कर रहा है।