नीमच। कलेक्ट्रेट में प्रवेश करते ही आपको जिले के पुरातात्विक और ऐतिहासिक महत्व की झलक दीवारों पर उकेरी हुई नजर आएंगी। यहां आने वाले प्रत्येक व्यक्ति के मन में कार्यालय और जिले के प्रति सकारात्मकता लाने के लिए कलेक्टर दिनेश जैन ने इन्हें बनवाया है। यहां सेंट्रल हॉल की दीवार पर राज्य संरक्षित बरुखेड़ा के चारभुजा मंदिर, अंग्रेजों के जमाने के ऑक्टरलोनी हॉल, खोर के नवतोरण द्वार, प्राचीन तीर्थ सुखानंद के मंदिर और रामपुरा क्षेत्र में आने वाले साइबेरियन पक्षियों की चित्रकारी करवाई गई है। कलेक्टर का कहना है कि सुंदरता के लिए यहां लाइटिंग सहित कुछ अन्य भी किए जाना है। यह उकेरा दीवार पर कलेक्ट्रेट भवन में प्रवेश करते ही सेंट्रल हॉल की दीवार पर चित्रमय झलक।

साइबेरियन पक्षी : जिले में हर साल ठंड के मौसम में हजारों किमी दूर से साइबेरियन पक्षी रामपुरा सहित जिले के कुछ अन्य हिस्सों में आते हैं।

बरूखेड़ा के मंदिर : बरुखेड़ा में प्राचीन अवशेषों से निर्मित शिव को समर्पित चार मंदिर है, इसमें एक मंदिर में स्थानीय लोगों भगवान विष्णु की चतुर्मुखी मूर्ति स्थापित कर चारभुजानाथ मंदिर नाम दे रखा है।

ऑक्टरलोनी हॉल : सीआरपीएफ का वर्तमान ऑफिसर्स मेस जिसे ऑक्टरलोनी हाल के नाम से जाना जाता है। यह ऐतिहासिक बिल्डिंग अंग्रेजों के समय बनाई गई थी।

नवतोरण द्वार : जावद तहसील के ग्राम खोर में गुहिल युगीन देवालयों का अदभुत केंद्र है। पूर्व में यहां शिवालय था। इसे नवतोरण द्वार के नाम से जाना जाता है। यह केंद्रीय पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित की श्रेणी में रखा गया है।

सुखानंद महादेव : जावद तहसील में मप्र-राजस्थान सीमा पर अरावली की सुरम्य पहाड़ी पर प्राचीन तीर्थ सुखानंद महादेव धाम बसा है। यहां सुखदेव मुनि ने तपस्या की थी इसीलिए इस स्थान का नाम उनके नाम पर है।