हमारी युवा पीढी और समाज सनातन संस्कृति और संस्कारो से भटके नही इसलिए रामचरित मानस और श्रीमद भागवत गीता से जोड रहे डॉ. कुमार विश्वास
कवि कुमार विश्वास के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य पर भादवामाता में हुआ आध्यात्मिक आयोजन, विद्यार्थीयों को वितरित की रामचरित मानस और श्रीमद भागवत गीता
.मनासा । देश के ख्यात्नाम कवि और साहित्यकार डॉ. कुमार विश्वास के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य पर विश्वासम परिवार द्वारा सोमवार को भादवामाता में राज राजेश्वरी संस्कृत वेद पाठशाला में आध्यात्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। संस्कृत पाठशाला के विद्यार्थीयों (बटुकों ) को परिवार द्वारा रामचरित मानस और श्रीमद भागवत गीता का वितरण किया गया। कार्यक्रम में अतिथि पिपलियारावजी सरपंच प्रतिनिधी लोकेन्द्रसिंह भाटी, संस्कृत पाठशाला आचार्य नारायण शर्मा, पत्रकार बीएल दमामी अतिथि बतौर मंचासीन थे। सरस्वती पूजन के साथ आध्यात्मिक कार्यक्रम की शुरूआत हुई। कार्यक्रम संयोजक एवं मनहर पत्रिका के वरिष्ठ सह संपादक डॉं. धर्मेन्द्र नागदा ने कहा कि हमारी युवा पीढी पाश्चात संस्कृति की ओर बढ रही है। वे हमारी संस्कृति और संस्कारों एंव सभ्यता से दुर होते जा रहे है। ऐसे में युवाओं के साथ ही समाज को सनातन संस्कृति एंव सभ्यता से जोडने के लिए रामायण और श्रीमद भागवत से जोडना होगा। इनके प्रति उन्हे जागरूक करने का काम करना होगा। नागदा ने कहा कि डॉ. कुमार विश्वास अपने अपने राम के माध्यम से देश ही नही पुरी दुनिया में सनातन का प्रचार प्रसार कर पाश्चात्य संस्कृति के अंधेरे में जो हमारा समाज डुबता जा रहा है उसे बाहर निकालने का काम कर रहे है। डॉ. कुमार विश्वास के प्रयास है कि रामचरित मानस और श्रीमद भागवत गीता को हमारी सनातन संस्कृति का मुख्य आधार है। डां. विश्वास का जन्म दिन वैसे तो तिथि से बसंत पंचमी के दिन है और तारिख के मान से 10 फरवरी को है। उनके जन्म दिवस के उपलक्ष्य पर परिवार का उददेश्य है कि हम ज्यादा से ज्यादा युवाओं और विद्यार्थीयों को अपने सनातन, संस्कृति और संस्कारो से जोडे। हमारा भारत और समाज सनातन की ओर बढे यही सपना डां. विश्वास का है। विश्वासम परिवार के गुलाब राठौर, महागढ़, विक्रम राठौर, आंतरी माता, ने भी अपने विचार रखे। परिवार ने प्रतिभावान विद्यार्थीयों को रामचरित मानस और श्रीमद भागवत गीता वितरित की गई। वही प्रोजेक्टर पर डा. विश्वास के अपने अपने राम का लाइव प्रसारण भी विद्यार्थीयों ने देखा। इस अवसर पर संस्कृत पाठशाला प्रमुख विकास शर्मा, गंगेश विश्वास नागदा, प्रमोद नागदा,गितांश दमामी, दिव्यम नागदा, उपस्थित रहे। संचालन जयप्रकाश मेहता ने किया और आभार गुलाब राठौर ने माना।