
मन्दसौर। चुनावी नतीजे के अब मात्र कुछ ही घंटे शेष बचे हैं। 3 दिसंबर रविवार की सुबह 8 बजे से मत गणना की शुरुआत होगी जो दिन भर तक चलती रहेंगी। आज की रात प्रत्याशियों की दिलों की धड़कन बढ़ाएगा ,वही हम बात कर करे हैं नीमच और मदसौर जावरा संसदीय क्षेत्र के प्रत्याशियों की तो इस बार मुकाबला दोनो प्रत्याशियों के बीच अहम माने जा रहा हैं। कुछ विधान सभा सीट पर एक तरफा जीत होती हुई दिखाई दे रही हैं। तो वही कुछ सीट पर मुकाबला रोचक दिखाई देगा,,,
नीमच सीट पर मुकाबला कांटेदार,,
नीमच विधानसभा में कांग्रेस भाजपा के बीच कड़ा मुक़ाबला माना जा रहा है। एक तरफ तीन बार के विधायक दिलीपसिंह परिहार मैदान में थे दूसरी तरफ किसानो के नेता और तीन दशको से नीमच में जमे उमरावसिंह गुर्जर थे। दोनों के बीच कड़ा मुकाबला माना जा रहा है। दोनों ही दावेदार अपनी जीत को लेकर आश्वस्त है। इस एग्जिट पोल से दोनो की सांसे फुंली हुई हैं।
मनासा विधानसभा सीट पर नाहटा भारी,,,
मनासा विधानसभा में कांग्रेस से पूर्व मंत्री नरेंद्र नाहटा और विधायक अनिरूद्ध माधव मारू के बीच मुकाबला है। अनिरुद्ध माधव मारू बाहरी और स्थानीय के मुद्दे पर चुनाव लड़े और अपनी जीत का डंका परिणाम से पहले ही बजा रहा है। जबकि नरेंद्र नाहटा ने जीत का बड़ा दावा किया है। एग्जिट पोल को लेकर दोनों दावेदारों की सांसे ऊपर नीचे ही रही हैं।
समंदर पटेल और ओम प्रकाश सखलेचा के बीच अहम मुकाबला
जावद विधानसभा में त्रिकोणीय संघर्ष की स्थिति तब बनी जब भाजपा के बागी पूरणमल अहीर मैदान में आ गए। इधर कांग्रेस से समंदर पटेल तो वहीं चार बार के विधायक और मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा मैदान में डटे रहे। समंदर पटेल और ओम प्रकाश सकलेचा के बीच यहा कड़ा मुकाबला माना जा रहा है। तो वहीं मंत्री ओम प्रकाश सखलेचा को खासी परीक्षा इस विधानसभा में होने जा रही है। मंत्री सकलेचा अंतिम फैसले के इंतजार में है तो वहीं समंदर पटेल पहले की जीत का दावा ठोक रहे है।
सुवासरा और मल्हारगढ़ सीट भाजपा की झोली में जाति हुई दिखाई दे रही हैं तो वही कांग्रेस पार्टी के लिए के लिए जावद, जावरा,गरोठ विधानसभा सीट से जीत मानी जा रही हैं। ये सीटें कांग्रेस के खाते में जा सकती हैं तो वही नीमच ,मंदसौर,मनासा सीट पर मुकाबला कांटेदार माना जा रहा हैं।
मल्हारगढ़ विधानसभा सीट की बात करें तो इस सीट पर शुरुआत में त्रिकोणीय मुकाबला माना जा रहा था। लेकिन मतदान के अंतिम दिन जो उलट फेर हुआ हैं। उससे तो स्थिति ही बदल गई हैं। अहम नतीजे अब 3 दिसंबर रविवार को देखने को मिलेंगे,लेकिन जो चर्चा नगर में चल रही हैं। उसमें तो जगदीश देवड़ा फिर से विधानसभा चुनाव जीत रहे हैं,। लेकिन इस बार हार-जीत का अंतर पिछली बार से कम हो सकता है। इधर सुवासरा विधानसभा सीट से हरदीप सिंह डंग का राजनिति भाग्य खुलता हुआ दिख रहा हैं। इसके अलावा यहां हार-जीत का अंतर जिले की चारों सीटों में सबसे ज्यादा होने की संभावना जताई जा रही है। फिलहाल जनता का सटिक निर्णय 3 दिसंबर को ईवीएम ही बताएगी। मंदसौर और गरोठ में मुकाबला तगडा माना जा रहा है।
मल्हारगढ़ में जगदीश फिर भारी…
मल्हारगढ़ विस क्षेत्र की बात करें तो पिछली बार भाजपा विधायक वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा ने परशुराम सिसौदिया को 11 हजार 800 मतों से हराया था। लेकिन, इस बार कांग्रेस के बागी श्याम लाल जोकचंद मैदान में है। लंबे समय से जीत को तरस रही कांग्रेस को इस बार भी निराशा हो सकती है। पिछली बार श्यामलाल जोकचंद की नाराजगी से कहीं न कहीं जगदीश देवड़ा को लाभ पहुंचा था। लेकिन, इस बार श्यामलाल जोकचंद खुद मैदान में है। इधर जगदीश फिर से भारी नजर आ रहे हैं। लेकिन हार-जीत का अंतर पांच से सात हजार के बीच रहने की संभावना है।
सुवासरा में हरदीप सिंह डंग फिर से चुनाव जीतते हुए …
इस बार सुवासरा में मंत्री हरदीप सिंह डंग फिर से भाजपा की तरफ से मैदान में है। इधर कांग्रेस ने राकेश पाटीदार को फिर से रिपीट किया है। 2018 के चुनाव की बात करें तो हरदीप सिंह डंग ने कांग्रेस के टिकीट पर लड़कर बीजेपी के राधेश्याम पाटीदार को लगभग साढ़े तीन सौ मतों से हराया था। इसके बाद उपचुनाव में कांग्रेस के राकेश पाटीदार को भाजपा में शामिल होने के बाद हरदीप सिंह ने लगभग 29 हजार मतों से शिकस्त दी। सरदार फिर से असरदार नजर आ रहे हैं। यहां हार- जीत का अंतर अच्छा होने की संभावना है।
मंदसौर विस सीट पर मुकाबला तगड़ा….
मंदसौर विस सीट पर पिछली बार भाजपा विधायक यशपाल सिंह सिसौदिया ने कांग्रेस के नरेंद्र नाहटा को लगभग 18 हजार मतों से हराया था। इस बार फिर से भाजपा ने यशपाल सिंह को मैदान में उतारा है। उनके सामने इस बार कांग्रेस जिलाध्यक्ष विपीन जैन है। पिछली बार कहीं न वहीं बंगले वाला फेक्टर चुनाव में यशपाल सिंह सिसौदिया के समर्थन में गया था। लेकिन, इस बार मुकाबला कांटे वाटे का नजर आ रहा है। इस बार किसकी जीत होगी, यह अनुमान लगाना मुश्किल है लेकिन वहीं विपीन तो वहीं यशपाल की आवाज इस बात की और इशारा कर रही है कि हार-जीत का अंतर दो से तीन हजार मती का हो सकता है।
मल्हारगढ़ में जगदीश फिर भारी…
गरोठ में मुकाबला कांटे का…
गरोठ में पिछली बार कांग्रेस के सुभाष सोजतिया की भाजपा प्रत्याशी देवीलाल धाकड़ ने लगभग दो हजार मतों से हराया था। इस बार कांग्रेस ने फिर से सुभाष को रिपीट किया। लेकिन भाजपा ने मौका दिया चंदरसिंह सिसौदिया को , कहीं न कहीं विकास कायाँ को लेकर क्षेत्र की जनता में सत्तापक्ष के खिलाफ नाराजगी नजर आई है। यहां हार-जीत का अंतर दो से तीन हजार मतों के आसपास हो सकता है।
