
चितौड़गढ़। चुनावी प्रचार खत्म होने से एक दिन पहले आज बुधवार को निर्दलीय प्रत्याशी चंद्रभान सिंह आक्या ने रोड शो किया। इससे पहले एक सभा का आयोजन किया गया। काफी दिनों से मुख्य अतिथि के नाम पर कई कयास लगाए जा रहे थे। आक्या ने इस प्रोग्राम में सांवरा सेठ को अपना मुख्य अतिथि बनाया।
संतों ने की शिरकत
25 नवंबर को विधानसभा चुनाव होना है। प्रचार प्रसार भी 24 नवंबर को खत्म हो जाएगा। उससे पहले आज बुधवार को इंदिरा गांधी स्टेडियम में बीजेपी से बागी हुए विधायक चंद्रभान सिंह आक्या ने सभा और रोड शो का आयोजन किया। सभा में जन सैलाब उमड़ पड़ा। आक्या ने अपने आप को ही स्टार प्रचारक के रूप में रखा। इस दौरान पूरे विधानसभा से हजारों की संख्या में लोग आए। लोगों का आना सुबह से ही शुरू हो चुका था। आक्या ने संतों को भी आमंत्रित किया। सभा में राज ऋषि श्री श्री 1008 संतराम जी महाराज नांद पुष्कर, स्वामी सुदर्शनाचार्य जी महाराज, हजारेश्वर मंदिर के महंत चंद्र भारती जी महाराज, विनोद यति महाराज जी पहुंचे।
सांवरा सेठ पहली बार पधारे चित्तौड़गढ़
श्री सांवलिया जी के बाल स्वरूप को हमेशा नगर भ्रमण करवाया जाता है। कस्बे से बाहर कभी सांवरा सेठ को लाया नहीं गया। पहली बार लड्डू गोपाल को चित्तौड़गढ़ में किसी सभा में लाया गया। चंद्रभान सिंह आक्या की सभा के मुख्य अतिथि को लेकर कई अटकलें लगाई जा रही थी। लेकिन सभा के बीच में मुख्य अतिथि की घोषणा सांवरा सेठ के रूप में की गई। इससे पहले आक्या सांवरा सेठ को लेने मंडफिया गए थे। बग्गी में सवार सांवलिया जी को सभा के बीचों बीच लाया गया, जहां से निर्दलीय प्रत्याशी आक्या अपने माथे पर सवार लड्डू गोपाल को मंच तक लाए। सभा के बाद रोड शो का आयोजन भी हुआ, जिसमें फिल्मी सितारे जीतू वर्मा, शाहबाज खान और बिंदु दारा सिंह भी मौजूद रहे। यह रोड़ शो इंदिरा गांधी स्टेडियम से कलेक्टर चौराहा,रोडवेज बस स्टैंड,पुरानी पुलिया, सुभाष चौक होते हुए गोल प्याऊ चौराहे पर खत्म हुई। विधायक चंद्रभान सिंह ने कहा की मैं योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद देता हूं कि वह यहां पधारे और मेरे 10 साल के कार्यकाल पर छाप लगा कर गए। अपना आशीर्वाद देकर गए। उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ भी यह जानते हैं कि उनकी पार्टी द्वारा चुनाव के प्रत्याशी की जमानत जप्त होगी। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी सुरेंद्र सिंह जाड़ावत के लिए कहा कि जब वह विधायक थे और उनकी बहन नगर पालिका अध्यक्ष थी। उस दौरान दोनों ने मिलकर सभी धार्मिक जमीनों को बेच दिया।