चितौड़गढ़। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी 17 नवंबर को चुनावी दौरे के लिए चित्तौड़गढ़ आएगी। इसके लिए इंदिरा गांधी स्टेडियम में तैयारियां शुरू कर दी गई है। मीटिंग्स का दौर शुरू हो चुका है। इस दिन प्रियंका गांधी के साथ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी चित्तौड़गढ़ आएंगे। इस सभा में पांचों विधानसभाओं के प्रत्याशी अपने अपने समर्थकों के साथ आएंगे। इससे पहले पूर्व के दोनों चुनावों में राहुल गांधी प्रचार के लिए चित्तौड़गढ़ आए थे, लेकिन दोनों चुनावों में चित्तौड़गढ़ विधानसभा में कांग्रेस को हार मिली।

रैली के बहाने चित्तौड़गढ़ में बढ़त बनाने की कोशिश

चित्तौड़गढ़ विधानसभा से कांग्रेस के प्रत्याशी सुरेंद्र सिंह जाड़ावत ने बताया कि प्रियंका गांधी पहली बार चित्तौड़गढ़ स्टार प्रचारक के रूप में आएंगी। इससे पहले गांधी परिवार के सभी सदस्य चित्तौड़गढ़ आ चुके है लेकिन जवाहर लाल नेहरू और राजीव गांधी चुनावी प्रचार-प्रसार के लिए नहीं आए। प्रियंका कांग्रेस के पांचों प्रत्याशियों के समर्थन में आमसभा को संबोधित करेंगी। इस दौरान उनके साथ प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी होंगे। प्रियंका की रैली के बहाने कांग्रेस चित्तौड़गढ़ में बढ़त बनाने की कोशिश करेगी।

मां, दादी ने दिया था इंदिरा गांधी स्टेडियम में संबोधन

उन्होंने बताया कि 17 नवंबर को डूंगरपुर, सागवाड़ा सभा करने के बाद प्रियंका गांधी वाड्रा चित्तौड़गढ़ आएंगी। यहां कांग्रेस के प्रत्याशियों के समर्थन में चुनावी रैली का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें प्रियंका गांधी आमजन को संबोधित करेंगी। इस दौरान राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी साथ होंगे। उन्होंने बताया कि प्रियंका गांधी पहली बार चित्तौड़गढ़ आएगी। लेकिन इससे पहले उनकी दादी इंदिरा गांधी, मां सोनिया गांधी और भाई राहुल गांधी चुनावी प्रचार प्रसार के लिए आ चुके है। तीनों ने ही यहां इंदिरा गांधी स्टेडियम में आमजन को संबोधित किया था।

दो बार आए राहुल गांधी, दोनों बार हारे चित्तौड़गढ़ विधानसभा

साल 1979 में लोकसभा चुनाव में पहली बार इंदिरा गांधी कांग्रेस प्रत्याशियों के समर्थन में प्रचार करने आई थी। 1979 के लोकसभा चुनाव में निर्मला कुमारी शक्तावत ने जीत हासिल की थी। उसके बाद 1998 में सोनिया गांधी विधानसभा चुनाव स्टार प्रचारक के रूप में चित्तौड़गढ़ आई थी। उस समय 5 सीटों में से चार सीटें कांग्रेस ने जीती थी। इसके बाद राहुल गांधी भी साल 2013 और 2018 में विधानसभा चुनाव के प्रचार प्रसार के लिए आ चुके है। 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पांचों सीट हार चुकी थी और 2018 के चुनाव में पांच में से तीन सीटों में हार मिली थी।  इसके अलावा दोनों बार ही चित्तौड़गढ़ विधानसभा से प्रत्याशी रहे सुरेंद्र सिंह जाड़ावत को हार का सामना करना पड़ा। इस कांग्रेस ने राहुल गांधी की जगह प्रियंका गांधी पर दांव लगाया है। अब देखना है कि प्रियंका गांधी के प्रचार प्रसार से चित्तौड़गढ़ जिले के पांचों सीटों पर क्या असर पड़ेगा।