नीमच। मनासा के कांग्रेस उम्मीदवार नरेन्द्र नाहटा का गांव—गांव में जमकर विरोध देखने को मिल रहा है। बिते दिनो ग्राम सांडिया के ग्रामीणो ने घेराव कर नाहटा को खरी खोटी सुनाई थी। जिसके बाद समर्थक भी नाहटा का साथ छोड़ने लगे है। प्रचार—प्रसार के लिए अब नाहटा को अपने कॉलेज के शिक्षको का सहारा लेना पड़ रहा है। इधर ग्रामीण नाहटा पर आरोप लगा रहे है कि मनासा की जनता ने पूर्व में नाहटा को अपना जनप्रतिनिधि बनाया, लेकिन नाहटा ने अपने रहवासी क्षेत्र मंदसौर में कॉलेज और युनिवर्सिटी बनाने का काम किया। मनासा की जनता से नाहटा का कोई लेना—देना नही रहता है। चुनाव में झुठे वादे करके मनासा की जनता के साथ छल करते है। मंदसौर की फिक्र इन्हे रात दिन सताती रहती है। 20 वर्षो से नाहटा ने मनासा की जनता का कभी हाल नही पुछा। कोरोना में जब लोग जान गवां रहे थे, तब नाहटा घर से बाहर नही निकल रहे थे। यही नही कोरोना से पूर्व रामपुरा में रिंगवाल टूटने से बाढ आई थी तब रामपुरा की जनता घर से बेघर होकर आशियाने की तलाश में जुटी थी और नाहटा जी अपने कॉलेज में व्यस्थ रहकर अपने व्यापार करने में मस्त थे। इन्हे जनता से कोई सरोकार नही था, आज नाहटा चुनाव में जनता को बरगलाकर, झुठे सपने दिखाने का काम कर रहे है। जनता नाहटा के व्यापारिक चहरे को पहचान चुकी है। इस बार वोट की जगह धुतकार से नाहटा का स्वागत किया जा रहा है।*