मनासा । भाजपा-कांग्रेस में टिकट वितरण के साथ ही जिले में दोनों पार्टियों के उम्मीदवारों के खिलाफ विरोध शुरू हो गया था। मनासा में कांग्रेस में विरोध का स्वर समाप्त हो गया हैं। मंगलवार को कांग्रेस के 5 पदाधिकारियों ने बैठक कर विरोध को विराम लगा दिया हैं। कांग्रेस जिला प्रभारी नूरी खान,जिला अध्यक्ष अनिल चौरसिया ने नाराज कार्यकर्ता एवं पदाधिकारियों को मना लिया,जिसके बाद मनासा में कांग्रेस की आपसी गुटबाजी पूर्ण रूप से खत्म हो गई, तो वहीं दूसरी ओर भाजपा की क गुटबाजी अब भी बरकरार है। भाजपा में पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता अभी भी विधायक मारू से नाराज हैं। जो आज गुरुवार को मनासा विधानसभा क्षेत्र के कुकड़ेश्वर में एकत्रित होकर विधायक मारू के खिलाफ कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित करेंगे, जिसमें तय किया जाएगा कि मारू के खिलाफ किसका निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन पत्र दाखिल किया जाए, वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सम्मेलन को लेकर पदाधिकारियों द्वारा सोशल मीडिया पर कार्यकर्ता सम्मेलन की पोस्ट डालकर एवं फोन लगाकर कार्यकर्ताओं को बुलाया गया। कार्यकर्ता सम्मलेन में सिर्फ तीनों मंडल अध्यक्षों को छोड़कर भाजपा का स्थानीय संगठन मारू के खिलाफ नजर आएगा। सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट में पूर्व विधायक कैलाश चावला,जिला महामंत्री राजेश लढा, भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य विजेन्द्रसिंह मालाहेड़ा, भाजपा जिला उपाध्यक्ष पुष्कर झंवर,बंशीलाल राठौर,पूर्व विधानसभा प्रभारी सुनील यजुर्वेदी, जिला मंत्री के.जी. पाटीदार, मोनिका सोनी,पूर्व जिलापंचायत उपाध्यक्ष बद्रीलाल पटेल,पूर्व जिला उपाध्यक्ष राधेश्याम सारू, पूर्व मंडी अध्यक्ष बंशीलाल गुर्जर,जिला संयोजक अल्पसंख्यक मोर्चा आबिद अली सैय्यद,जिला संयोजक मछुआरा प्रकोष्ठ भगवान भोई,दिनेश परिहार,विक्रम धनगर,पुरालाल धनगर, राधेश्याम मण्डवारिया,प्रहलाद पाटीदार,राकेश जैन,शंकरलाल मालवीय,भोनीशंकर पाटीदार,सज्जन शर्मा, गोपाल पंजाबी,प्रतापसिंह पंवार कैलाश राठौर सहित अन्य के नाम शामिल हैं,जो कार्यकर्ता सम्मेलन क सम्बोधित करेंगे,वहीं नाराज कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों को भाजपा का जिला एवं प्रदेश स्तरीय संगठन नहीं मना पाया। क्या भाजपा का शीर्ष  नेतृत्व पार्टी में उठे विरोध को डेमेज कंट्रोल कर पाएगा ? यह तो कल होने वाले कार्यकर्ता सम्मेलन के बाद ही स्थिति साफ हो पाएगी, जिसका सभी  को बेसब्री से इंतजार है।

वही जानकारों की माने तो भाजपा पार्टी के शीर्ष नेता अगर टिकिट नही बदलती हैं तो आज मारू के खिलाफ बगावत का ऐलान किया जाएगा और संभावना जताई जा रही हैं की कैलाश चावला निर्दलीय  के रूप में मैदान में आ सकते हैं।  भाजपा के दिग्गज नेता निर्दलीय चुनाव लड़ते हैं तो भाजपा को मनासा सीट से हार का सामना कर सकती हैं। अभी तक पार्टी में उपजे विवाद में अब तक कोई ठोस निर्णय नहीं ले पाई हैं। अगर निर्दलीय चुनाव लडने का ऐलान होने के बाद भाजपा पार्टी को मनासा विधानसभा सीट से हार मिल  सकती हैं। और इसका फायदा कांग्रेस पार्टी हो होगा,,,