नीमच। पूर्व मंत्री नरेंद्र नाहटा को मनासा से कांग्रेस उम्मीदवार बनाने के बाद उपजा विवाद मंगलवार को खत्म हो गया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने डेमेज कंट्रोल कर लिया, जिसका नतीजा यह रहा कि मंगेश संघई ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का निर्णय बदल दिया है और पार्टी में निष्ठा जताई है,लेकिन भाजपा के हालात आज स्पष्ट होंगे कि आखिर कौन बनेगा भाजपा का बागी उम्मीदवार, चावला या मालाहेड़ा। बता दें कि विधानसभा चुनाव का बिगुल बजते ही भाजपा-कांग्रेस ने अपने-अपने उम्मीदवार तय कर दिए थे। उम्मीदवार तय किए जाने के बाद भाजपा-कांग्रेस दोनों ही दलों के ‘कार्यकर्ताओं में टिकट वितरण को लेकर नाराजगी देखी जा रही है । मनासा विधानसभा में भी दोनों ही दलों के टिकट वितरण के बाद नाराजगी देखी जा रही है। जहां कांग्रेस से नरेंद्र नाहटा को टिकट दिए जाने के बाद मंगेश संघई समेत संगठन के पदाधिकारियों ने उनका विरोध शुरू कर दिया था और नाहटा का पुतला फूंक, संगठन से टिकिट बदलने की मांग की थी।

नूरी खान ने संभाला मोर्चा, मनासा में किया कांग्रेस को एक जुट,, मनासा में कांग्रेस पार्टी में आई जान,संघई की कमलनाथ से कराई बात

मंगलवार को कांग्रेस से आई एक तस्वीर ने मनासा से कांग्रेस की  स्थिति को साफ कर दिया है। यहां से पूर्व में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन पत्र दाखिल करने वाले मंगेश संघई ने पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार के साथ काम करने का मन बना लिया। बताया जा रहा है कि इस डेमेज कंट्रोल में खास भूमिका कांग्रेस की जिला प्रभारी नूरी खान जिला अध्यक्ष अनिल चौरसिया ने निभाई, जिसने संघई की कमलनाथ से बात कराई, जिसके बाद संघई ने नाहटा से हाथ मिला और संघठन के निर्णय पर निष्ठा व्यक्त कर कांग्रेस उम्मीदवार के लिए काम करने की बात कही। इस दौरान जिला कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौरसिया भी मौजूद थे। दोनों पदाधिकारियों मंगलवार को मंगेश संघई के घर पहुंचे। जहां नरेन्द्र नाहटा,मंगेश संघई,चन्द्रशेखर पालीवाल,सुरेन्द्र श्याम सोनी सहित अन्य पदाधिकारियों की उपस्थिति में आपसी सामंजस्य बिठाकर पार्टी हित में कार्य करने का निर्णय लिया गया। इससे एक बात तो साफ हो गई कि अब नरेंद्र नाहटा का भाजपा के माधव मारू सीधा मुकाबला होगा,