जावद।आदिवासियों के विकास के लिए सरकार द्वारा कई प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही है लेकिन विधानसभा क्षेत्र का बाणदा इलाका आज भी विकास की दौड़ से दूर है। चिकित्सा, बिजली और पानी तो दूर की बात है पंचायत मुख्यालय होने के बावजूद एक दर्शक से सड़क तक नहीं बन पाई। 18 साल बाद भी न तो किसी जनप्रतिनिधि और न ही किसी प्रशासनिक अधिकारी का ध्यान गया। नतीजतन, उमर गांव को जोड़ने वाली करीब 8 किलोमीटर लंबी गिट्टी पत्थर की सम्पर्क सड़क पूरी तरह से उखड़ गई और गड्डों में तब्दील हो गई। कई स्थानों पर इतने बड़े-बड़े गड्ढे हो गए कि पैदल निकलना तो दूर दुपहिया वाहनों से निकलना भी जान को जोखिम में डालना जैसा है।

बाइक सहित नाले में बह गया था टीचर

वर्ष 2016 में गांव की स्कूल का एक टीचर रोड क्रॉस करते समय बाइक समेत नाले में बह गया था। गनीमत रही कि वहां और भी लोग थे जिन्होंने अपनी जान पर खेल कर टीचर को बचा लिया। वह टीचर आज भी उस घटना को याद कर सिहर उठता है।

उमर में ही थम गई एंबुलेंस और दम तोड़ गई प्रसूता

पता चला है कि वर्ष 2005 में गिट्टी मिट्टी की रोड बनाई गई थी, डामरीकरण नहीं होने से धीरे-धीरे गिट्टी पत्थर निकलते गए और संपर्क सड़क बदहाल होती गई । आनू बाई आदिवासी ने बताया कि चार-पांच साल पहले प्रसव पीड़ा होने पर गांव की एक बहू को सिंगोली ले जाना था। 108 पर सूचना दी गई लेकिन एंबुलेंस वाले ने सड़क की हालत देखते हुए गाड़ी के पहिए उमर गांव में ही थाम दिए। उसे उपचार नहीं मिल पाया और उसकी सांसे टूट गई।

मजदूरी जाने से पहले जाना होता है डॉक्टर के पास

गांव के श्याम लाल ने बताया कि मजदूरी के लिए आसपास के गांवों में जाते हैं तो सबसे पहले डॉक्टर को संभालना पड़ता है क्योंकि तब तक पेट दर्द की शिकायत शुरू हो जाती है। अब तो यह उनकी आदत में शुमार हो गया है।

ओम के आश्वासन के छींटे

जब कभी भी स्थानीय विधायक ओमप्रकाश सखलेचा गांव पहुंचे हमने रोड बनाने की मांग उठाई लेकिन हर बार उन्होंने आश्वासन के ठंडे छींटे देने के अलावा कुछ नहीं कर पाए, उसी का खमियाजा हम लोग भुगत रहे हैं। लेकिन इस बार चुनाव में खामोश नहीं बैठेंगे।

सड़क से निकलना खतरे से खाली नहीं

एक चिकित्सा कर्मी के अनुसार इस रोड से कोई बीमार हो अथवा प्रसूता, ले जाना खतरे से खाली नहीं होता। हमारे पास इस संपर्क सड़क के अलावा और कोई विकल्प भी नहीं है। एंबुलेंस गांव तक नहीं पहुंचती, इस कारण रोगी की मौत तक हो जाती हैं।