मनासा। आजादी के 75 साल बाद भी मनासा क्षेत्र का एक गांव ऐसा भी है जहा के ग्रामीण आज भी मूलभूत सुविधा के अभाव में नारकीय जीवन जीने को मजबूर है। जी हां आत्रीमाता पंचायत के मजरे गांव 300 आबादी वाला खेड़ा मंजरा गांव पहुंचने के लिए नही तो सड़क है और नही पीने के पानी की सुविधा। बारिश में ग्रामीणों का पंचायत मुख्यालय से संपर्क पूरी तरह से टूट जाता है। वहीं ग्रामीण किशन सोनी , भोडीराम, मांगु सिंह चंद्रावत, मुकेश भील , घनश्याम भील पर्वत सिंह चंद्रावत, जितेंद्र सिंह राठौड़, राजेन्द्र सिंह चंद्रावत ने बताया कि महिलाओं को पीने के पानी के लिए आज भी दो किलो मीटर दूर से पानी लाकर प्यास बुझाना पड़ रही है। ग्रामीणों ने कहा कि 20 सालो से भाजपा को वोट दे रहे है। विधायक को भी समस्या बताई लेकिन कोई हल नहीं निकला। भाजपा से विकास की आस छोड़ चुके है। इसलिए मीडिया को जन समस्या बताई। उनसे उम्मीद है की वे हमारी समस्या हल करेंगे। ग्रामीणों ने विकास नही तो भाजपा को वोट नहीं के नारे भी लगाए। ग्रामीणों ने कहा की सड़क की समस्या चुनाव से पहले हल करेंगे इसके लिए भले ही आंदोलन क्यों नही करना पड़े। मामला जनपद पंचायत मनासा के ग्राम पंचायत आत्री बुजुर्ग के ग्राम – खेडा मंजरा जनपद मुख्यालय से महज 30 किलोमीटर की दूरी में है। यहां के निवासी पानी, सड़क सहित मूलभूत सुविधाओं को लेकर तरस रहे हैं. खेडा मंजरा में बड़े नेता से लेकर क्षेत्रीय प्रतिनिधि गये है पर किसी भी बड़े नेता की नजर शायद इस गांव की दशा सुधार पर नही केवल वोटो के लिये रही और जित के बाद कोई नही गया नही लोगों की मूलभूत समस्या पर नहीं पड़ी है.यहां पीने के पानी की दिक्कत है साथ ही बताया जा रहा कि यहां आज भी लोग कुँआ के पानी पीने को मजबूर हैं । एक किलो मिटर दुर से लाते है पानी ग्राम पंचायत-आत्री बुजुर्ग के खेडा मंजरा जिन्हें पीने के लिए पानी चलने को सड़क नही हैं । इनको अगर राशन लेने पंचायत मुख्यालय आना पड़े या किसी बीमार व्यक्ति को उपचार के लिए अस्पताल ले जाना हो तो करीब तीन किलोमीटर तक का सफर तय करना पड़ता है । गांव में आवागमन के लिए गड्ढों से भरा कच्चा रास्ता से गुजरना पड़ता है। यह हालात ग्राम पंचायत -आत्री बुजुर्ग के खेडा मंजरा बस्ती में बनी हुई है । क्षेत्र के लोगों का कहना है कि सांसद ,विधायक , जनपद अध्यक्ष सदस्य से लेकर जिला प्रतिनिधि जिला प्रशासनिक अधिकारियों तक गुहार लगाने के बाद भी मूलभूत सुविधाओं के लिए मोहताज हैं। गांव में मुख्य मार्ग तक तो सड़क कुछ हद तक ठीक है लेकिन जैसे ही खेडा मंजरा बस्ती में घुसेंगे वैसे ही गड्ढों से भरी कच्ची सड़क एवं पगडण्डी का सफर करना पड़ता है । सालों साल से यहां पर लगभग दर्जनों परिवार निवासरत हैं। लोगों को अपने गांव तक जाने के लिए मेन रोड सेमलीआत्री से आत्री बुजुर्ग के बीच खेडा मंजरा तक कच्ची सड़क एवं पगडण्डी मार्ग का सफर तय करना पड़ता है । यहां के ग्रामीण किशन सोनी ने बताया कि गांव में पीने के पानी का इंतजाम नहीं है । ऐसे में कुँआ के पानी ग्रामीण पीने में उपयोग कर रहे हैं। खराब रास्ते के कारण एंबुलेंस नहीं आने से बीमार गर्भवती महिलाओं को अस्पताल तक भी नहीं ले जा पाते हैं । नहाने के लिए भी कुंआ के पानी को भरकर लाते हैं। पानी की कमी के कारण महिलाएं कुआ पर खुले में नहाने
मनासा विधायक मारु के क्षेत्र खेड़ा मंजर गावं में नहीं हुआ विकास, पानी, सड़क और कई समस्याओ से परेशान ग्रामवासी, ग्रामीण बोले- विकास नहीं तो वोट नही
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