जावद विधानसभा का चुनावी समीकरण एक बार फिर चर्चाओं में,भाजपा में तीन दावेदारों के बीच टिकिट को लेकर मचेगा घोर घमासान,क्षेत्र में कार्यकर्ताओं की नाराजगी बिगाड़ेगी मंत्री सकलेचा का चुनावी गणित
विधानसभा की सरगर्मियों के बीच नीमच जिले की जावद विधानसभा का चुनावी समीकरण भी एक बार फिर सुर्खियों में आकर बड़े उलटफेर के संकेत देता हुआ नजर आ रहा है, यहां भाजपा पार्टी से तीन चेहरे सामने आ रहे हैं, और कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश सखलेचा पांचवी बार भी उम्मीदवार के तौर पर देखे जा रहे हैं, लेकिन वर्तमान हालातों की बात करें इस बार हवा का रुख सकलेचा के पक्ष में नही बन रहा है, क्षेत्र में कार्यकर्ता की नाराजगी इसकी खास वजह मानी जा रही है, जो चुनाव में मंत्री सकलेचा को भारी पड़ सकती हैं…लगातार चार बार विधानसभा चुनाव जीत चुके सकलेचा को शिवराज सरकार में मंत्री पद से नवाजा गया…वहीं जानकारो की मानो तो 2023 के चुनाव में मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा की उम्मीदवारी पर स्थिति असमंजस भरी है…?
वही बात करें तो दूसरे नंबर पर भाजपा से उम्मीदवार के तौर पर जावद विधानसभा से दबंग नेता समंदर पटेल का नाम माना जा रहा हैं। जो क्षेत्र में लगातार सक्रिय रहकर गांव गांव का दौरा कर रहे हैं। ज्योतिरातित्य सिंधिया के साथ भाजपा का दामन थामने के बाद समंदर भी सक्रिय तौर पर पार्टी के लिए काम कर रहे हैं। तो वही तीसरा चेहरा आता हैं पुरण अहीर का है, और इनकी पकड़ भी ग्रामीण क्षेत्रों में मजबूत मानी जाती हैं, जो कभी मंत्री सखलेचा के खास माने जाते थे। लेकिन अब ये एक दूसरे से पूरक और घोर विरोधी माने जाते हैं। जनपद के चुनाव में पुरण अहीर और उनकी पत्नी ने जिला पंचायत और सदस्य के चुनाव में शानदार जीत अर्जित की थी। वही इनके विरोधी कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश सखलेचा ने पार्टी के प्रत्याशी का खूब प्रचार प्रसार किया इसके बावजूद भी कैबिनेट मंत्री अपने प्रत्याशी को जीत नहीं दिलवा पाए थे। पुरण अहीर को क्षेत्र में चुनाव के वक्त भरपूर आशीर्वाद जनता का मिला और आज इसी की बदौलत पुराण अहीर का आत्मविश्वास भी बड़ा है, जिनकी दावेदारी भी 2023 के चुनावों प्रबल मानी जा रही है…बहरहाल पार्टी किसको टिकिट देती है और किसका विकेट गिरता हैं ये तो खेर आने वाला समय ही बता पाएगा….
*पटेल-पुरण की जुगलबंदी और टेंशन में सकलेचा*
जानकारो की माने तो समंदर पटेल और पुरण अहीर की जुंगल बंदी ने कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश सखलेचा को थोड़ा टेंशन में डाल दिया हैं। दोनो की जुंगल बंदी ने इनके सिर पर चिंता की लकीरें पैदा कर दी है,,कारण है की दोनो में से किसी एक को टिकिट मिल जाए तो एक दूसरे का विरोध नही करेंगे और अगर पार्टी ओम प्रकाश सखलेचा को टिकिट देती हैं, पूरण और समंदर की यह जोड़ी मिलकर सकलेचा का चुनावी समीकरण बिगाड़ने में भी कोई कसर नही छोड़ेगी…!