
जावी – दीन दुखियों के शरण स्थल श्री गुर्जरखेड़ा धाम पर महाशिवरात्रि महोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। प्रातः से ही मंदिर में पूजन अर्चन का दौर शुरू हो गया दोपहर 12:15 बजे श्री गुर्जरखेड़ा सरकार और वीरभद्र स्वरूप नाथों के नाथ अगोरी नाथ एवं मंदिर पर विराजित सभी देवताओं का पं. हरिओम तिवारी ने मंत्रोपचार के साथ मन्दिर समिति संरक्षक सतीश भटनागर व मन्दिर पुजारी राकेश लोहार से पूजन अर्चन करवाया और मन्दिर समिति सदस्यों व सेवादारों ने 17 फीट लंबी वृहद चूल का पूजन कर चूल में अग्नि प्रज्जवलित की ततपश्चात महाआरती प्रारंभ हुई। महाआरती के पश्चात वीरभद्र स्वरूप नाथों के नाथ श्री अघोरी नाथ पंडाजी घनश्याम लोहार के तन में पधारे और मंदिर के मुख्य द्वार पर 41 कुओं के एकत्रित जल के 16 कलश के जल से स्नान कर कलश को अपने सीने पर फोड़ा। फिर मंदिर में पधारें मन्दिर में सेवादारों द्वारा श्री अघोरी नाथ सरकार को बाघम्बरी धारण करवाई गई। बाघम्बरी धारण कर श्री अघोरी नाथ ने मंदिर की एक परिक्रमा की। तत्पश्चात 17 फीट लंबी धधकतें अंगारों की वृहद चूल में निकलकर अग्नि स्नान लिया संग में मां काली भी चूल में निकली। श्री गुर्जरखेड़ा धाम पर महाशिवरात्रि पर यह अलौकिक दृश्य प्रतिवर्ष देखने को मिलता है जिसे देखकर भक्तों को आत्मशांति का अनुभव होता है। चूल में श्री अगोरीनाथ और मातेश्री के निकलने के पश्चात अन्य देव भी निकले फिर बासा के पुत्र व पुत्रियां व मन्दिर सेवादार चूल में निकले ततपश्चात ॐ नम: शिवाय, हर हर बम बम का जयकारें करते हुए सैकड़ों की संख्या में भक्तजन, माताएं, बहिनें, बच्चे चूल में निकलें। आस्था और भक्ति का ऐसा अनूठा संगम देखकर पूरा माहौल भक्तिमय हो गया। चूल के आयोजन के समापन पर साबूदाने की खीर की महाप्रसादी का वितरण हुआ। अंचल के सैकड़ों भक्तजनों ने चूल के आयोजन में सहभागिता कर एवं महाप्रसादी ग्रहण कर अपने जीवन को धन्य किया। महाशिवरात्रि महोत्सव में सफल संचालन में श्री गुर्जरखेड़ा धाम मन्दिर प्रबंध एवं सेवादार समिति व भक्तजन का सराहनीय सहयोग रहा। उक्त जानकारी श्री गुर्जरखेड़ा धाम मंदिर प्रबंध समिति प्रवक्ता दिलीप पाटीदार जावी ने दी।